मंगलवार, 14 जून 2011

2 prakar ke baba

नमस्कार दोस्तों 
                        इस दुनियां मैं दो प्रकार के बाबा पाए जाते हैं १ तो देसी(हिंदी ) बाबा जैसे की हमारे बाबा योग गुरू रामदेव जी हैं ,दूसरे बाबा विदेसी ( अंग्रेजी ) बाबा ,राहुल बाबा ! नॉएडा के पास उत्तरप्रदेश के भट्टा पारसोल मैं मायाबती ने जब किसानों पर जुल्म किये , हत्या की तो राहुल बाबा अनसन पर बैठ गए वो भी बिना अनुमति के , यद् रहे की उत्तर प्रदेश सर्कार के विरोध मैं उन्होंने अनशन किया था , उसमें राहुल जी के साथ कांग्रेश के प्रवक्ता और महासचिव दिग्विजय सिंह थे , उस समय इन लोगों का कदम लोकतान्त्रिक था ,सही था ,मैं भी एसा मानता हूँ ,परन्तु बाबा राम देव ने केंद्र सर्कार की अनुमति लेकर रामलीला मैदान पर जब अनशन किया गया तो वो अलोकतांत्रिक कैसे होगया , जिसको कुचलने के लिए अंगरेजी राज की याद तजा कर दी गयी , हमलोग तो आजाद देश मैं जन्मे हैं , पर पड़ा जरूर है की अंग्रेज गांधी जी को इसी प्रकार अनशन पर से उठा कर जेल मैं दल देते थे ,गाँधी जी के पीछे पूरा देश खड़ा होता था तो जनता पर जुल्म किया जाता था , वोही कार्यवाही केंद्र ने ४ जून की रत मैं निर्दोष लोगों पर जुल्म कर के की गयी , जो घटना अंग्रेजी शासन की याद दिला गयी , 
                मैं इस की घोर निंदा करता हूँ , आप से निवेदन है आप भी अपनी -अपनी तरह से विरोध करे , अहिंसा वादी विरोध करे ,
                                शर्फरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल मैं है 
                                देखना है जोर कितना बाजुए कातिल मैं है 
                                                                                                          जय हिंद 

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